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फिलिस्तीन समर्थन में स्वीडिश गीत का वैश्विक होना 

9:21 - May 07, 2025
समाचार आईडी: 3483487
IQNA-1970 के दशक में गठित एक स्वीडिश संगीत समूह ने फिलिस्तीनी लोगों के समर्थन में गीत लिखकर दुनिया भर में कई प्रशंसक प्राप्त कर लिए हैं।

अल जजीरा के अनुसार, 1970 के दशक में बने एक स्वीडिश म्यूजिक ग्रुप "कोफिया" ने फिलिस्तीन के लोगों के समर्थन में गीत बनाकर दुनिया भर में प्रशंसक बनाए हैं। जॉर्ज तुत्री, एक फिलिस्तीनी-ईसाई मूल के संगीतकार, जो 1946 में नाज़रेथ (फिलिस्तीन) में पैदा हुए, ने अपने बचपन में ही इजरायली अत्याचार देखे। उनका गीत "जिंदाबाद फिलिस्तीन" (1979) हाल ही में गाजा युद्ध (2023) के दौरान फिर से प्रसिद्ध हुआ। 

حکایت جهانی‌شدن ترانه‌ سوئدی در حمایت از فلسطین

मुख्य बिंदु: 

वैश्विक प्रभाव: यह गीत अक्टूबर 2023 में स्वीडन के विरोध प्रदर्शनों में गाया गया और टिकटॉक पर 5 मिलियन से अधिक बार देखा गया। 

حکایت جهانی‌شدن ترانه‌ سوئدی در حمایت از فلسطین

कोफिया बैंड: 1972 में बना यह ग्रुप फिलिस्तीनी प्रतिरोध का प्रतीक "कुफ़ियाह" (पारंपरिक स्कार्फ) से प्रेरित था। इसमें फिलिस्तीनी और स्वीडिश संगीतकार शामिल थे। 

संगीत की शैली: अरबी लोक संगीत और स्कैंडिनेवियाई स्वरों का मिश्रण। 

राजनीतिक संदेश: गीतों में साम्राज्यवाद, नस्लभेद और फिलिस्तीन की आज़ादी की बात होती थी। 

ऐतिहासिक प्रदर्शन: 1980 में ईरानी क्रांति के बाद तेहरान में इस ग्रुप ने प्रदर्शन किया। 

حکایت جهانی‌شدن ترانه‌ سوئدی در حمایت از فلسطین

वर्तमान प्रासंगिकता: 

 आज यह गीत दुनिया भर के विरोध प्रदर्शनों में गाया जाता है। 

 स्वीडन की वर्तमान सरकार इजरायल का समर्थन करती है, लेकिन 2014 से फिलिस्तीन को मान्यता देती है। 

तुत्री का मानना है कि संगीत एक शक्तिशाली हथियार है और यह गीत सभी उत्पीड़ित लोगों के लिए है। 

निष्कर्ष: "जिंदाबाद फिलिस्तीन" सिर्फ एक गीत नहीं, बल्कि फिलिस्तीनी संघर्ष और वैश्विक एकजुटता का प्रतीक बन गया है।

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